शनिवार, 24 जून 2017

मेरा दर्द मेरा संघर्ष Save Priyanshu

आदरणीय सज्जनो व मेरे प्यारे भाइयो बहनों ओर दोस्तो ,
बहुत दिनों बाद आज अपने दिल की हालत और अपना संघर्ष बयां कर रहा हूँ।
जिन्दगी बड़ी अजीब होती है,
कभी हार तो कभी जीत होती है,
तमन्ना रखो समंदर की गहराई छूने की,
किनारे पर तो बस जिन्दगी की शुरुआत होती है !!
बीते कुछ दिनों से मेरे साथ बुरा वक्त मानो कोई खेल खेल रहा है। में जो भी करता वो गलत साबित होता।
मैंने सभी बड़े मिस्टर, प्राइम मिनिस्टर, प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया,श्रीमती सुषमा स्वराज जी भारत के सभी छोटे बड़े कलाकार, बड़ी बड़ी कंपनियों में हर छोटे बड़े, नॉन अननोन लोगो से मदद माँगी।
लेकिन अभी तक कोई मेरी मदद को आगे नही आया।
इतनी बड़ी बड़ी खबरें छपी, इतने टीवी न्यूज में आया रेडियो, पोस्टर, पम्पलेट , वाट्स एप, फ़ेसबुक ट्वीटर लेकिन अब सब फेल होता जा रहा है।
किसी का कोई जवाब नही आता तो कोई साफ साफ मना कर देता है। लेकिन मैं उन्हें चुपचाप फेस करता हूँ।
क्योंकि मैं ओर कर भी कुछ नही सकता ना।
पहले सब ठीक था मैं अकेला अपने बेटे के साथ संघर्ष कर रहा था। क्योंकि मैंने घर पर अपने पापा, मम्मी, यहाँ तक कि अपनी पत्नी को भी नही बताया था।
अगर बताता तो शायद सब टूट जाते और में शायद यहाँ तक न पहुचता ओर इतना न कर पाता ।
लेकिन अब जबसे सबको पता पड़ा है अब मैं
जब रात में घर जाता हूँ या सुबह जब उठता हूँ...
घरवालो का एक ही सवाल क्या हुआ, कुछ होगा कि नही, प्रियांशु कब ठीक होगा, कोन कोन मदद कर रहे है, कोई मदद को आगे आया क्या....?
सभी मुझे ओर मेरे बेटे को बहुत ही सहानुभूति के साथ देखते है और फिर सुरु हो जाते है वही सवाल..?
ओर उनका मुझसे सवाल पूछना जायज भी है क्योंकि इतनी बड़ी बात मैंने सबसे छुपाये रखी।
मैं बस उनसे रोज यही कहता हूँ बस कुछ दिन ओर हमारे माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी जरूर कुछ करेंगे।
माननीय श्रीमती सुषमा स्वराज जी और बड़े बड़े सज्जन, कलाकार, खिलाड़ी, ओर भी जिनको मैंने पोस्ट, ट्वीट, मैल, मैसेज करे है वो जरूर कुछ करेंगे।
ना जाने क्यों अभी भी इस दिल को भरोसा है कि शायद कोई मदद को आ जाये शायद मेरे बेटे को कोई जीवनदान दे जाये।
यह मेरा ट्वीटर एकाउंट है आप अगर चाहे तो मेरे ट्वीट्स देख सकते है।
शायद ही कोई कसर छोड़ी होगी।
लेकिन शायद मेरी आवाज मेरी बात अभी तक सही जगह नही पहुंच पा रही है, या फिर मेरा लक मेरे साथ नही है।
जब जब इंसान पर कोई मुसीबत कोई परेशानी कोई बीमारी सामने आती है तो पहले तो वह संघर्ष करता है फिर थक कर बैठ जाता है कि चलो शायद यही होना होगा , किस्मत में यही था। जितना कर सकता था कर लिया। अब क्या कर सकता हूँ आदि...!
लेकिन सोचिये कोई फिर भी संघर्स करे अपने बेटे के लिए तो....?
क्या उसे जीने का हक नही है क्या हम सब मिलकर उसे जीवनदान नही दिला सकते..?
मैं अब निकल पड़ा हूँ उस लड़ाई पे जिसमे मुझे अपने बेटे के जीवन की जीत हासिल करना है, ओर अपने बेटे को जीवन का तोहफा देना है मेरी इस लड़ाई ओर संघर्ष में....
डॉ राकेश मिश्रा जी मिरेकल्स चिल्ड्रन हॉस्पिटल
ने पूरा सहयोग किया और मुझे संभाले रखा।
मै एक बात आपको जरूर बताना चाहूंगा कि :-
"डॉ राकेश मिश्रा जी जितने बड़े और अच्छे डॉक्टर है उतने ही ओर शायद उससे भी कही ज्यादा सज्जन ओर अच्छे इंसान हैं, जो आज एक जीती जागती मानवता की मिसाल है।"
सर् एक अकेले ऐसे सज्जन इंसान है जिन्होंने सुरु से अभी तक मेरा साथ नही छोड़ा, मैं अक्सर मिलता रहता हूँ सर् से। मेरे ओर मेरे बेटे के लिए ये हॉस्पिटल अपने घर जैसा है जैसे हम कभी भी अपने घर चले जाते हैं अपने से बड़े जैसे माता पिता को अपनी परेशानी बताते हैं Something वैसे ही
शायद हमारा पिछले जन्म में कोई न कोई रिश्ता जरूर रहा होगा तभी तो ये मुमकिन हुआ।
लेकिन आप खुद सोचिये ओर मुझे समझने की कोसिस करे कि एक अकेले सर् मेरे लिए कितना कर पाएंगे उसके लिए मुझे बहुत से सज्जनो की जरूरत है। जब सब मिलकर एक हो जाएंगे तो मेरे बेटे को जीवनदान जरूर मिल जाएगा ।
इससे सिर्फ मेरे ही नही उन सभी देश भर के बच्चे जो बीमारी का शिकार है और जिनके माता पिता अपने बच्चो का इलाज नही करवाते या करा पाते वो भी प्रेरित होंगे और अपने बच्चो का इलाज करवाने आगे आएंगे और अपने बच्चो के साथ पूरे जीवन का आनंद ले पाएंगे।
मैंने तो ये संघर्स सुरू कर दिया है जो अब मैं रुकने नही दूँगा। अब बहुत से ऐसे लोग जिनके बच्चे  ऐसी बीमारी या तकलीफ से पीड़ित है वो मुझसे पूछते है और मैने उन्हें रास्ते बताना सुरू किया है क्योंकि मुझे बहुत से हॉस्पिटल के बारे में पता चल गया है वहाँ पे कैसे फ्री में इलाज संभव है मैं बताता हूँ। क्योंकि अगर अपनी छोटी सी मदद ओर सही मार्ग से किसी की जान बच सके तो जीवन मे इससे बड़ा शायद ही कोई पूण्य का काम होगा बस एक छोटी सी पहल की है कि शायद इसी पुण्य के कामों से मै अपनी मंजिल तक पहुँच जाऊँ।
ये सोच है हम इंसानों की
की एक अकेला क्या कर सकता है,
पर देखो जरा उस सूरज को
वो अकेला ही चमकता है !!
धन्यवाद
सागर मेश्राम
9806135319

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